फिर भी नारा लगाती हूँ गर्व से, मैं स्वाधीन हूँ आज। फिर भी नारा लगाती हूँ गर्व से, मैं स्वाधीन हूँ आज।
अपने बालों को खुला छोड़ना खुद के लिए इशारा लगता है तुम्हें?? अपने बालों को खुला छोड़ना खुद के लिए इशारा लगता है तुम्हें??
किस्मत अच्छी तो वरदान हूं, वरना श्राप ही कहलाती हूँ। किस्मत अच्छी तो वरदान हूं, वरना श्राप ही कहलाती हूँ।
"खुशी" थोड़े समय के लिए संतुष्टि देती है और "संतुष्टि" हमेशा के लिए खुशी देती है। "खुशी" थोड़े समय के लिए संतुष्टि देती है और "संतुष्टि" हमेशा के लिए खुशी देती ...
मुझे सीढ़ी पर रूढ़िवाद समाज लिपटा हुआ दिखता है! मुझे सीढ़ी पर रूढ़िवाद समाज लिपटा हुआ दिखता है!
प्रेम सुधा का घन है नारी, सुगंधित मानो उपवन है नारी! प्रेम सुधा का घन है नारी, सुगंधित मानो उपवन है नारी!